बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र
प्रश्न- जोगीमारा की गुफा के चित्रों की विषयवस्तु तथा शैली का विवेचन कीजिए।
अथवा
जोगीमारा की गुफा के भित्तिचित्रों तथा विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जोगीमारा की गुफा कहाँ तथा किस प्रकार की है?
2. जोगीमारा की गुफा में किस प्रकार के चित्र पाए जाते हैं?
3. जोगीमारा की गुफा के भित्तिचित्रों की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
4. डॉ० स्मिथ ने किन चार सुरक्षित चित्रों का वर्णन किया है?
5. जोगीमारा की गुफाओं के चित्रों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
6. जोगीमारा के चित्रों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
जोगीमारा की गुफा
जोगीमारा की गुफा मध्य प्रदेश की सिरगुजा रियासत के अन्तर्गत स्थित थी। यह गुफा अमरनाथ नामक स्थान में नर्मदा के उद्गम पर स्थित है। अमरनाथ रामगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित है और एक तीर्थस्थान है। इस गुफा तक पहुँचने के लिए अभी पूर्ण सुविधा नहीं है और हाथी पर सवार होकर यात्रा करनी पड़ती है। इस गुफा के समीप सीतावोंगा या सीतालांगड़ा गुफा है जो एक प्रेक्षागृह थी। कहा जाता है कि इस गुफा के प्रेक्षागृह में जो नटी अभिनय करती थी, जोगीमारा गुफा उसका ही निवास स्थान है। चित्रों के विषय देखने से ज्ञात होता है कि यह गुफा सम्भवत: वरुण देवता का मन्दिर थी और जैन धर्म का इसकी कला पर प्रभाव पड़ा था। इस गुफा में उत्कीर्ण लेखों के अध्ययन से यह अर्थ निकाला गया कि यह वरुण देवता का मंदिर थी और एक देवदर्शनी या देवदासी देवता की सेवा में यहाँ रहती थी। डॉ० ब्लाख के अनुसार इस गुफा के लेखक तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं। यहाँ के चित्रों की रचना - शैली समकालीन भरहुत और साँची की मूर्तिकला से मिलती-जुलती है, इस कारण इन चित्रों का सम्भावित समय दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व (मौर्यकाल) है, परन्तु यह चित्र किसी प्रकार से भी प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व के बाद के नहीं हैं। 1914 ई० पू० में असित कुमार हाल्दर तथा क्षेमेन्द्र नाथ गुप्त ने जोगीमारा के चित्रों का अध्ययन किया और इनके सम्बन्ध में विवरण प्रस्तुत किए।
जोगीमारा गुफा के चित्र
असित कुमार हाल्दर ने इस गुफा में प्राप्त सात चित्रों के खण्डित अवशेषों का वर्णन किया है। कुछ लेखकों ने सातवें चित्र को दो भागों में बाँटा है। इस प्रकार उन्होंने आठ चित्र माने हैं। यह चित्र ऐकेन्द्रिक वृत्तों में बनाए गए हैं। सर्वप्रथम भारतीय चित्रकला में जोगीमारा की गुफा में छतों पर बने चित्रों के उदाहरण प्राप्त होते हैं और भित्तिचित्रों की निर्माण तकनीकी का श्रीगणेश या नवीन अध्याय इसी गुफा में आरम्भ होता है।
जोगीमारा के भित्तिचित्र
1. इस दृश्य में कुछ आदमियों की आकृतियों तथा हाथियों के चित्र अंकित किए गए हैं।
2. इस दृश्य में नदी के जल का अंकन लहरदार रेखाओं से किया गया है। जल में एक बड़ी सील मछली बनाई गई है। कदाचित यह मछली नहीं मगर है और यह चित्र गज - ग्रह की पौराणिक कथा से सम्बन्धित है।
3. इस चित्र में कुछ व्यक्ति एक वृक्ष के नीचे बैठे विश्राम कर रहे हैं। इस वृक्ष में केवल तीन - चार डालियों में एक-दो पत्तियाँ हैं जो लाल रंग से बनाई गई हैं, वृक्ष का तना मोटा तथा सरल है।
4. इस चित्र में सफेद पृष्ठभूमि पर काली रेखाओं के द्वारा एक बाग का दृश्य अंकित किया गया है। इस चित्र में लाल लिली (कुमुदिनी) के पुष्प बनाए गए हैं। एक युगल इन पुष्पों के ऊपर नृत्य कर रहा है। यह युगल लाल रंग से बनाया गया है।
5. इस चित्र में गुड़िया जैसे बौने आकार के अनुपात रहित मनुष्य चित्रित हैं। इस चित्र में एक मनुष्य के सिर पर चोंच बनाई गई है। बौने के अंकन की परम्परा भारतीय मूर्ति तथा चित्रकला में बहुत प्राचीन है।
6. इस दृश्य में एक स्त्री लेटी है (सम्भवतः नर्तकी है) और उसके चारों ओर गायन-वादन में रत कुछ अन्य मानव आकृतियाँ पाल्थी मारे बैठी बनाई गई हैं। इन चित्रों की रेखाएँ अजन्ता के आरम्भिक चित्रों के समान हैं।
7. इस चित्र में प्राचीन ढंग से रथों जैसे चैत्यों का अंकन दिखाई पड़ता है।
8. इस दृश्य में ग्रीक रथों के समान भवन बनाए गए हैं। यह चित्र तथा इसके आगे का अधिकांश भाग नष्ट हो गया है। अतः अधिक अनुमान लगाना कठिन है।
डॉ० ब्लाख तथा विंसेंट स्मिथ ने इन्हीं चित्रों का वर्णन भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रस्तुत किया है। स्मिथ के सम्पूर्ण चित्रों में से चार सबसे अधिक सुरक्षित चित्रों का वर्णन दिया है, जो निम्न प्रकार से है-
(अ) केन्द्र में एक वृक्ष के नीचे पुरुषाकृति बैठी बनाई गई है, उसके साथ में नर्तकियों तथा गवैये बाईं ओर बैठे बनाए गए हैं। दाहिनी ओर एक जुलूस बनाया गया है जिसमें एक ही हाथी चित्रित है।
(ब) इस पैनल में कई पुरुषाकृतियाँ, एक रथ का पहिया या चक्र और ज्यामितिक अलंकरण बनाए गए हैं।
(स) इस पैनल के आधे भाग में केवल अस्पष्ट पुष्पों, घोड़ों और वस्त्रधारी पुरुषों के चिह्न हैं। पैनल के दूसरे आधे भाग में वृक्ष है जिस पर एक चिड़िया बैठी है और एक नग्न लड़का उसकी शाखाओं में है। इस पेड़ के चारों ओर अनेक नग्न आकृतियाँ जमा हैं जिनके बाल सिर के बायीं ओर कसकर गाँठ में बँधे हुए बनाए गए हैं।
(द) इस पैनल के आधे ऊपरी भाग में एक नग्न पुरुषाकृति पाल्थी मारे बैठी बनाई गई है और तीन वस्त्रधारी पुरुष खड़े हैं। इसी प्रकार की दो अन्य बैठी आकृतियाँ और एक ओर तीन खड़ी आकृतियाँ बनाई गई हैं। नीचे की ओर एक मकान है जिसमें नाल - आकार की चैत्य जैसी खिड़की का प्रयोग है। इस मकान के सामने एक हाथी तथा तीन वस्त्रधारी पुरुष खड़े बनाए गए हैं। इस दल के पास तीन घोड़ों का रथ है जिसमें छत्र लगा है और दूसरा हाथी एक परिचारक सहित खड़ा है। इस पैनल के दूसरे आधे भाग में इसी प्रकार की आकृतियाँ हैं।
जोगीमारा की गुफा में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के और कुछ बाद के लेख हैं। अतः यह चित्र भी प्राचीन मानने चाहिए परन्तु इन चित्रों का समय पाश्चात्य विद्वान् ने प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व माना है। इस गुफा में प्राप्त चित्रों के आधार पर इन चित्रों के विषय डॉ० ब्लाख ने ग्रीक, रायकृष्ण दास ने जैन और स्व० असित कुमार हाल्दर ने रायगढ़ के प्राचीन मन्दिरों में रहने वाली देवदासियों के विषयों से मिलते-जुलते माने हैं।
जोगीमारा गुफा के चित्रों की विशेषताएँ
इन चित्रों की बौनों जैसी आकृतियों की बनावट तथा शैली भरहुत शैली की मूर्तियों से मिलती-जुलती है। इस मूर्ति शैली का इन चित्रों पर पर्याप्त प्रभाव है, इसी कारण इनको स्मिथ ने प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से पहले का माना है।
चित्रों को चूने से पुते सफेद धरातल पर बनाया गया है। इन चित्रों में काले 'हर्रा फल' से बने वानस्पतिक रंग तथा लाल, पीले एवं सफेद खनिज रंगों का प्रयोग है। इन चित्रों की सीमा रेखाएँ लाल रंग से बनाई गई हैं। आकृतियों की आँख सफेद तथा काले और बाल काले रंग से बनाए गए हैं। चित्रों के विभाजन के लिए बनाए गए हाशिए में पीले रंग का प्रयोग है।
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- प्रश्न- कला अध्ययन के स्रोतों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला की खोज का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रागैतिहासिक चित्रकला के विषयों तथा तकनीक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय चित्रकला के साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं तथा वे किस प्रकार के हैं?
- प्रश्न- भीमबेटका क्या है? इसके भीतर किस प्रकार के चित्र देखने को मिलते हैं?
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल किसे कहते हैं? इसे कितनी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं?
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल का वातावरण कैसा था?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के विषय में आप क्या जानते हैं? सिन्धु कला पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी में चित्रांकन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मोहनजोदड़ो - हड़प्पा की चित्रकला को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की कला पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जोगीमारा की गुफा के चित्रों की विषयवस्तु तथा शैली का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- कार्ला गुफा के विषय में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- भाजा गुफाओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- नासिक गुफाओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं की खोज का संक्षिप्त इतिहास बताइए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं के चित्रों के विषय एवं शैली का परिचय देते हुए नवीं और दसवीं गुफा के चित्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुहा सोलह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुहा सत्रह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता गुहा के भित्ति चित्रों की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- बाघ गुफाओं के प्रमुख चित्रों का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता के भित्तिचित्रों के रंगों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अजन्ता में अंकित शिवि जातक पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंघल अवदान के चित्र का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता के चित्रण-विधान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफा सं० 10 में अंकित षडूदन्त जातक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सित्तन्नवासल गुफाचित्रों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बादामी की गुफाओं की चित्रण शैली की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- सिगिरिया की गुफा के विषय में बताइये। इसकी चित्रण विधि, शैली एवं विशेषताएँ क्या थीं?
- प्रश्न- एलीफेण्टा अथवा घारापुरी गुफाओं की मूर्तिकला पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एलोरा की गुहा का विभिन्न धर्मों से सम्बन्ध एवं काल निर्धारण की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एलोरा के कैलाश मन्दिर पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एलोरा के भित्ति चित्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एलोरा के जैन गुहा मन्दिर के भित्ति चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य काल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- शुंग काल के विषय में बताइये।
- प्रश्न- कुषाण काल में कलागत शैली पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- गान्धार शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मथुरा शैली या स्थापत्य कला किसे कहते हैं?
- प्रश्न- गुप्त काल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- “गुप्तकालीन कला को भारत का स्वर्ण युग कहा गया है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की खोज कब और किस प्रकार हुई? इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करिये।
- प्रश्न- भारतीय कला में मुद्राओं का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारतीय कला में चित्रित बुद्ध का रूप एवं बौद्ध मत के विषय में अपने विचार दीजिए।